Thursday, May 22, 2008

फ़न-जीव धर्मा के कारनामे --------2

एक बार फ़न--जीव धर्मा ने एक मीटिंग करवाई ....
लग भग दस लोगों को बुलाया । अब बुलाया था तोह चाय पानी का इंतजाम भी करना था । इस लिए उसने ऑफिस के नौकर को बुलाया और कहा यह लो पचास रूपये और जा कर सब के लिए समोसे और कोल्ड ड्रिंक्स ले आओ और अपने लिए भी कुछ ले लेना । फ़िर वह जा के मीटिंग मैं बैठ गया ।
नौकर बाहर निकला और कहा saale की औकात है नहीं और दे रहा है पार्टी । बताओ पचास रुपएमैं दस समोसे और दस कोल्ड ड्रिंक्स भी ले आऊं और ख़ुद भी खा लूँ ...........वाह !! इस मैं तोह मुझे ही सौ रुपए डालने पड़ेंगे ।
पर अब क्या हो सकता था ? बेचारे को सौ रुपए डालने पड़े ।
पर वह भी एक नम्बर का चालू था । बदला लेने के लिए सब की कोल्ड ड्रिंक मैं थूक दिया और मिला दिया । सारा समान लेकर पहुचं गया मीटिंग में और देखने लगा की सब कैसे मेज़ लेकर उसका प्रसाद ले रहे हैं ।
फ़न---जीव भी अपनी होशियारी पर कुश हो रहा था की कितने सस्ते में काम कर लिया । नौकर की दक्षता से कुश हो कर उसने दस रुपए उसे दे दिए और कहा शाबाश ........... तुम काम के आदमी हो मेरे से मिलते रहना .............आगे भी ऐसा काम करोगे तोह इनाम मिलेगा ।
नौकर मन ही मन हंसा और सोचने लगा बेटा में भी बाप हूँ तेरा ..........अगली बार पचास रुपए में डेढ़ सौ का सामान मगाया तोह थूक की जगह लघु शंका ( आप जानते होंगे इस का मतलब ) दूंगा ।
तोह भाइयों कभी कभी फ़न--जीव से पार्टी न ले वरना .........ह्म्म्म्म्म्म्म आप जानते हैं क्या हो सकता है
अपने राये ज़रूर लिखें और मेरा प्रोत्साहन करें ................
देखते रह्ये ............फ़न---जीव धर्मा के कारनामे

1 comment:

evil demon said...

when is the next article coming up?